उत्तराखंड के 100 और दरोगा होंगे सस्पेंड! नकल के आरोप में 20 हो चुके हैं निलंबित
2015 की दरोगा भर्ती में नकल कर पास होने वाले दरोगाओं पर विजिलेंस ने शिकंजा कसाना शुरू कर दिया है। विजिलेंस की अब तक की जांच में जिन 20 दरोगाओं की नियुक्ति फर्जी होने की बात कही जा रही थी उन्हें पुलिस महकमे ने निलंबित कर दिया है। ये आंकड़ा यही नहीं थमने वाला बताया जा रहा है कि निलंबित होने वाले दरोगाओं की अगली सूची बनकर तैयार हैं इन्हें भी जल्द बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। अगली सूची में 100 दरोगाओं पर गाज गिर सकती है और डीजीपी के आदेश पर इन्हें भी निलंबित किया जाएगा। आपको बता दें कि यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले की जांच के दौरार एसटीएफ को पता चला कि 2015 में हुई दरोगा भर्ती में भी गड़बड़ी हुई है। जिसके बाद डीजीपी ने दरोगा भर्ती की जांच विजिलेंस को सौंपी। बताया जा रहा है कि विजिलेंस की जांच में करीब 120 दरोगाओं की नियुक्ति में गड़बड़ी पाई गई है। जिसमें से 46 दरोगा उधम सिंह नगर जिले में सेवारत हैं, 38 नैनीताल में, 15 पिथौरागढ़, 7-7 अल्मोड़ा, बागेश्वर और चंपावत में तैनात हैं।
विजिलेंस सबसे पहले दरोगा भर्ती के टॉपरों की जांच कर रही है। बताया ये भी जा रहा है कि जिन दरोगाओं पर नकल का आरोप है उनमें से कइयों को शुद्ध हिन्दी लिखनी नहीं आती, कई ऐसे भी हैं जिन्हें पुलिस की कार्यप्रणाली की ही जानकारी नहीं है। यानी ऐसे 100 और दरोगा जल्द निलंबित होने जा रहे हैं।