Saturday, April 20, 2024
उत्तर प्रदेश

मस्जिद ध्वस्तीकरण मामला, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने रोका

बाराबंकी- रामसनेहीघाट क्षेत्र में प्रशासन द्वारा मस्जिद ढहाए जाने के मामले में गुरूवार को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल मौका मुआयना के लिये निकाला था। लेकिन प्रशासन ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को रास्ते में ही रोक दिया। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कर रहे थे।

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि उनकी अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल रामसनेहीघाट जाकर मौका मुआयना करके स्थानीय लोगों से बातचीत कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेना चाहता था। मगर रास्ते में ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। बाद में सभी नेताओं को वापस लौटा दिया गया। लल्लू ने बताया कि उन्होंने रास्ता रोकने वाले अधिकारियों से जिरह की कि उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद आखिर किस कानून के तहत 100 साल पुरानी मस्जिद को जमींदोज कर दिया गया। क्या देश में अलग-अलग कानून लागू है और क्या प्रशासन की नजर में उच्च न्यायालय के आदेश का कोई मोल नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि असंवैधानिक तरीके से मस्जिद गिरा कर भावनाओं को आहत करने वाले अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से जांच कराई जाए। और मस्जिद का पुनर्निर्माण कराया जाए। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सांसद पीएल पुनिया, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व विधायक राजलक्ष्मी वर्मा भी शामिल थे।

गौरतलब है कि रामसनेहीघाट तहसील के सुमेरगंज कस्बे में उप जिलाधिकारी आवास के ठीक सामने स्थित एक पुरानी मस्जिद को स्थानीय प्रशासन ने गत 17 मई की शाम को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच ध्वस्त करा दिया था। जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने मस्जिद को अवैध आवासीय परिसर करार देते हुए कहा था कि इस मामले में संबंधित पक्षकारों को पिछली 15 मार्च को नोटिस भेजकर स्वामित्व के संबंध में सुनवाई का मौका दिया गया था लेकिन परिसर में रह रहे लोग नोटिस मिलने के बाद फरार हो गए। जिसके बाद तहसील प्रशासन ने 18 मार्च को परिसर पर कब्जा हासिल कर लिया।

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